GF&AR | Powers of Sanction

Chapter-5

स्वीकृति की शक्तियां 

 I व्यय स्वीकृत करने के लिए विभिन्न प्राधिकारियों की शक्तियां

नियम 61: सामान्य: 

  • राज्य सरकार की वे वित्तीय शक्तियां जो किसी अन्य विभाग या प्राधिकारी को प्रत्यायोजित नहीं की गई है, वित्त विभाग में निहित होंगी 

नियम 62: अधीनस्थ प्राधिकारियों की शक्तियों का उच्चतर प्राधिकारी द्वारा प्रयोग: 

  • सामान्यतया कोई भी सक्षम प्राधिकारी अपने अधीनस्थ किसी अन्य प्राधिकारी को प्रत्यायोजित वित्तीय शक्तियों का प्रयोग स्वयं भी कर सकेगा

नियम 63: भूतकाल के मामलों में वित्तीय शक्तियां: 

  • जब भी इन नियमों के अधीन शक्तियां किसी प्राधिकारी को प्रत्यायोजित की जाती है उस प्राधिकारी को पिछले मामलों के संबंध में भी उन शक्तियों का प्रयोग करने के लिए सक्षम समझा जाएगा।भूतकाल के मामले से ऐसा मामला अभिप्रेत है जो उक्त प्रत्यायोजन की तारीख तक अंतिम रुप से निर्णीत नहीं हुआ है यद्यपि वह मामला उस तारीख के पूर्व उत्पन्न हो गया था 

नियम 64: अपने पद के अलावा अन्य पद के चालु कार्यभार के मामले में शक्तियां: 

  • अपने स्वयं के पद के अलावा किसी पद के चालू कर्तव्यों का निर्वहन करने वाला सरकारी कर्मचारी ,उस पद को पूर्ण रूप से धारण करने वाले व्यक्ति में निहित प्रशासनिक या वित्तीय शक्तियों का प्रयोग कर सकता है। परंतु वह सामान्यतया उस पद की विधिक शक्तियों का प्रयोग नहीं कर सकेगा जब तक कि अन्यथा उपबंधित ना हो। 

 II कुछ विशेष मामलों के संबंध में शक्तियां

नियम 65: भूमियों की मंजूरी राजस्व का निर्धारण एवं अन्य रियायते: कोई भी प्राधिकारी या विभाग, वित्त विभाग की पूर्व सहमति के बिना ऐसे आदेश जारी नहीं करेगा जिनमें-

  • भूमि की मंजूरी ,राजस्व का निर्धारण, खनिजों के लिए लाइसेंस, ग्रांट ,पट्टा ,पानी का अधिकार ,वनों के अधिकार ,पावर या ऐसी रियायतों के संबंध में कोई सुविधा या विशेषाधिकार शामिल हो
  • किसी भी रुप में राजस्व को छोड़ने का मामला हो। 

नियम 66: हानियों का अपलेखन: 

  • अपलेखन की समस्त स्वीकृतियों की प्रतिलिपि जांच के लिए तथा प्रक्रियागत कमियों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए महालेखाकार को भेजी जाएंगी।

नियम 67: लेखा परीक्षा(audit) द्वारा अस्वीकृति योग्य माने गए व्यय की माफी एवं सरकारी कर्मचारियों को किए गए अधिक भुगतान का अपलेखन: प्रत्यायोजनो में दी गई शर्तों के अनुसार किया जाएगा।

 III स्वीकृतियों की सूचना

 नियम 68: सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी की गई समस्त वितीय स्वीकृतियां एवं आदेशों की संसूचना महालेखाकार को नीचे दी गई प्रक्रिया के अनुसार दी जाएगी-
      *   प्रशासनिक विभाग द्वारा जारी की गई स्वीकृति:

  • प्रशासनिक विभाग द्वारा अपनी वित्तीय शक्तियों की सीमा में जारी किए गए आदेश एवं स्वीकृतियां महालेखाकार को, उन शक्तियों, जिनके अधीन के आदेश जारी किए गए हैं का उल्लेख करते हुए सीधे सूचित किए जाएंगे।
  • प्रशासनिक विभाग द्वारा अपनी वित्तीय शक्तियों से परे या मंत्रीमंडल के निर्णय के आधार पर जारी की गई समस्त अन्य वित्तीय शक्तियां एवं आदेशों की संसूचना वित्त विभाग की स्वीकृति प्राप्त करने के बाद महालेखाकार को दी जाएगी।
  • गोपनीय मामलों की स्वीकृति: ऐसे मामलों में जहां किसी स्वीकृति आदेश से संबंधित दस्तावेजों को गोपनीय समझा जाए , महालेखाकार स्वीकृति की प्रति की बजाय उस संबंध में प्रशासनिक विभाग के सचिव द्वारा हस्ताक्षरित तथ्यों के विवरण को स्वीकार करेगा।  
  • स्वीकृति का प्रारूपण:  वित्तीय स्वीकृति देने वाले आदेश एवं पत्रों का प्रारूप स्पष्ट रुप से तैयार किया जाएगा। वित्तीय मामलों से संबंधित समस्त विधि एवं विधिक दस्तावेज, अधिसूचनाओं का प्रारूपण आदि उस विषय की जानकारी रखने वाले उत्तरदाई अधिकारी से कराया जाएगा।
  • वेतन आदि की मंजूरी के लिए स्वीकृति: वेतन में वृद्धियों जैसे विशेष वेतन, वैयक्तिक वेतन आदि की मंजूरी देने वाली  स्वीकृतियों में उस वृद्धि को मंजूर करने संबंधी कारणों का संक्षेप में उल्लेख किया जाएगा ताकि महालेखाकार देख सकें।वेतन में ऐसी वृद्धियों के लिए मंजूरी प्रदान करने के कारणों की सूचना अगर खुले में  संभव नहीं हो तो महालेखाकार को गोपनीय रूप से दी जाएंगी। 
  • यदि कोई आदेश भारत के नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक(CAG) की सहमति से जारी किया जाता है तो उस तथ्य का उल्लेख महालेखाकार को किए गए पृष्ठांकन में किया जाएगा
  • किसी निश्चित राशि के या किसी विशिष्ट सीमा तक के व्यय स्वीकृत करने संबंधी आदेशों में स्वीकृत किए गए व्यय की राशि को शब्दों एवं अंको दोनों में लिखा जाएगा।
  • निधियों के स्त्रोत का उल्लेख करना: व्यय की स्वीकृतियों के समस्त  प्रस्तावों में स्पष्ट रुप से यह उल्लेख किया जाएगा कि क्या बजट अनुमानों में नीधीयों का प्रावधान किया गया है या क्या निधियां पुनर्विनियोग द्वारा प्राप्त की जा सकती है? ऐसी स्वीकृतियों के मामलों में जिनमें निधियां अभी सूचित की जानी है एवं व्यय अभी किया जाना है शब्द ‘वर्ष के बजट में सूचित की जा रही निधि के अध्यधीन ‘ रहते हुए जुड़े जाएंगे।
    परिपत्र क्रमांक  प. 1 (7) वित्त/सविलेनि/2011 दिनांक 22.02.2012 के अनुसार विभाग द्वारा जारी की जाने वाली वित्त एवं प्रशासनिक संस्वीकृतियों पर क्रम संख्या अंकित करवाई जानी आवश्यक की गई है। 

 नियम 69: भूमि अनुदान तथा भू राजस्व के अन्य संक्रमण की स्वीकृतियां:

  • ऐसे प्रकरण जिनमें भू राजस्व में किसी छूट को नकद भुगतान के रूप में माना जाए, के अतिरिक्त, भूमि के अनुदान एवं भू राजस्व के विभाजन के लिए सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृतियां आवश्यक विवरण सहित मासिक समेकित रिटर्न में महालेखाकार को भेजी जाएंगी ताकि वह इन स्वीकृतियों की ऑडिट कर सकें 

 IV स्वीकृति के प्रभावी होने की तारीख

 नियम 70: स्वीकृति के प्रभावी होने की तारीख: 

  • सभी नियम/स्वीकृतियां/आदेश या पत्र उनके जारी होने की तिथि से प्रभावी होंगे जब तक कि उसमें प्रभावी होने की कोई अन्य विशेष तारीख नहीं दी गई हो। 
  • अस्थाई पदों की स्वीकृतियों में पद की अवधि के साथ-साथ उनके सृजन की तारीख का उल्लेख किया जाएगा।

 V भूतलक्षी मंजूरी

नियम 71: 

  • सिवाय अत्यंत विशेष परिस्थितियों के, वित्त विभाग की पूर्व सहमती के बिना, सरकारी कर्मचारियों के वेतन संशोधन या रियायतो संबंधित स्वीकृतियों को सक्षम प्राधिकारी द्वारा भूतलक्षी प्रभाव से लागू नहीं किया जाएगा
  • वेतन आदि के संशोधन को भूतलक्षी मंजूरी: सरकारी कर्मचारियों को वेतन के संशोधन या रियायतो की मंजूरी से संबंधित स्वीकृतियों को 3 वर्ष से अधिक का भूतलक्षी प्रभाव नहीं दिया जाएगा। यदि इससे ज्यादा लंबी अवधि के लिए इसे भूतलक्षी प्रभाव दिया जाना हो तो इस सिद्धांत में शिथिलीकरण किए जाने के कारणों को पत्रावली में तथा स्वीकृति में भी अभिलिखित किया जाएगा
  • भूतलक्षी प्रभाव से पदों को सृजित करना:  सक्षम प्राधिकारी द्वारा पदों का सृजन साधारणतया भूतलक्षी प्रभाव से नहीं किया जाएगा। बहुत ही अपवाद स्वरुप परिस्थितियों में वित्त विभाग की पूर्व सहमती से पदों का सृजन भूतलक्षी प्रभाव देते हुए किया जाएगा तथापी यह सक्षम प्राधिकारी द्वारा सृजित विद्यमान पदों की अवधि वृद्धि/सहमति के आदेशों पर लागू नहीं होगा।

 VI स्वीकृतियां लैप्स होना

नियम 72: किसी भी नए प्रभार की स्वीकृति ,जब तक कि विशेष रूप से वह नवीनीकृत न कर दी जाए ,12 महीने की अवधि के भीतर लैप्स हो जाएगी। परंतु,

  • जब स्वीकृति के चालू रहने की अवधि का उल्लेख स्वयं स्वीकृति में किया गया हो तो वह उस अवधि के समाप्त होने पर लैप्स हो जाएगी  या 
  • जब किसी स्वीकृति में या विशेष उपबंध हो कि वह किसी विनिर्दिष्ट वर्ष के बजट उपबंधों में से वहन किया जाएगा तो वह उस वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर लेप्स हो जाएगी या
  • सामग्री क्रय करने के मामले में स्वीकृति लेप्स नहीं होगी यदि निविदाएं स्वीकृत कर ली गई हो या केंद्रीय भंडार क्रय संगठन(C.S.P.O) या महानिदेशक आपूर्ति एवं निपटान(D.G.S & D.I) द्वारा अनुमोदित संविदा दर पर आदेश दे दिए गए हो , या यदि ऐसे मामलों में जहां निविदाएं आमंत्रित करना आवश्यक नहीं तो स्वीकृति के जारी किए जाने की तारीख से 1 वर्ष की अवधि के भीतर आदेश जारी किया गया हो। 
  • नई स्वीकृति आवश्यक नहीं:  नियम 72 के  उक्त परंतुक के खंड में उल्लेखित मामलों को छोड़कर अन्य मामलों में, जिनमें स्वीकृति जारी होने की तारीख से 12 माह की अवधि के भीतर भुगतान कर दिया हो,वहां शेष का अनुवर्ती भुगतान बजट प्रावधानों के विद्यमान रहने की शर्त के अध्यधीन रहते हुए नए व्यय की स्वीकृति के बिना भी किया जाएगा।
  • स्पष्टीकरण: इस नियम के उपबंध सामान्य प्रकृति के हैं तथा सहायता अनुदान (ग्रांट इन ऐड) सहित व्यय की समस्त स्वीकृतियों पर लागू होते हैं। 

नियम 73:

  • नियम 72 में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्वीकृत सामान्य योजना के अधीन वर्ष-दर-वर्ष स्थाई स्थानापन्न कर्मचारियों की वृद्धि के संबंध में या किसी पद या संवर्ग के लिए स्वीकृति भत्तो , जो उनके द्वारा आहरित नहीं किए गए हैं ,के लिए स्वीकृति लैप्स नहीं होगी।

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