GF&AR | Revenue and Receipts

Chapter-3

राजस्व एवं प्राप्तियां

I. सामान्य

नियम 27: प्राप्तियों एवं लेखों के संबंध में कर्तव्य:

  • नियंत्रक प्राधिकारी का कर्तव्य है कि वह यह देखें कि सरकार को देय समस्त राशियां नियमित एवं तुरंत निर्धारित, वसूल तथा लेखांकित की जाकर राज्य की संचित निधि/लोक लेखे में विधिवत जमा कर दी गई है
  • मासिक लेखे एवं विवरण- नियंत्रक अधिकारी अपने अधीनस्थों से प्रपत्र G.A 13 में मासिक लेखे एवं विवरण प्राप्त करेंगे। यदि नियंत्रक अधिकारी के ध्यान में कोई गलत जमा आये तो वह लेखो को ठीक करने हेतु महालेखाकार को उसकी तुरंत सूचना देगा।
  • प्राप्तियां– G.A. 13 ,   व्यय– G.A 19

नियम 28: लेखों का सारांश:

  • महालेखाकार अपने लेखों का एक उद्धरण या सारांश नियंत्रक अधिकारी को प्रेषित करेगा जिसमें प्रत्येक माह की जमा मे  लाई गई राशियों को दर्शाया जायेगा।
  • त्रुटियों का शुद्धिकरण:- राजस्व/प्राप्तियों के वर्गीकरण में जिन त्रुटियों का विभागीय अधिकारियों द्वारा पता लगाया जाता है तथा जीन्हें लेखों में शुद्ध करना आवश्यक है उनका एक विवरण प्रपत्र G.A 15 में संबंधित कोषागार अधिकारी के माध्यम से महालेखाकार को अग्रेषित किया जाएगा।
  • जहां वर्गीकरण में लेखाशिर्ष 8005 एवं 8011 के संबंध में ऐसी त्रुटियों का पता लगाया जावे वहां निदेशक बीमा एवं प्रावधाई निधि विभाग संपूर्ण वित्तीय वर्ष के लिए लेखों में शुद्धिकरण हेतु निहित प्रपत्र में एक अधिसूचना तैयार कर प्रत्येक वर्ष मार्च माह में महालेखाकार को अग्रेषित करेगा।

नियम 29: विभागीय विनियम:

  • राजस्व संग्रहकर्ता विभाग द्वारा विभागीय नियम बना कर राजस्व के निर्धारण, संग्रहण, प्रेषण एवं प्राप्तियों की रसीद देने के बारे में नियम एवं प्रक्रिया निर्धारित की जाएगी।

नियम 30:

  • सरकार को देय किसी राशि को बिना पर्याप्त कारण के बकाया नहीं छोड़ा जाएगा। यहां ऐसी राशि वसूल न हो सकने योग्य पायी जाए वहाँ उसके समायोजन के लिए सक्षम प्राधिकारी के आदेश प्राप्त किए जाएंगे।
     

नियम 31:

  • जब तक सक्षम प्राधिकारी द्वारा किसी नियम या आदेश द्वारा विशेष रूप से प्राधिकृत ना किया जाए राशियों को उचंती खाते में हस्तांतरित नहीं किया जाएगा।

नियम 32:

  • संग्रहण में महत्वपूर्ण अंतरों के बारे में पूर्ण सूचना उत्तरदाई विभागाध्यक्ष प्रपत्र G.A. 55 एवं G.A. 14 में वित्त विभाग को देता रहेगा।

 II.सरकारी भवनों भूमियों का किराया जुर्माना आदि

नियम 33: भूमि एवं भवनों का किराया:

  • जब किसी किराया योग्य भवन का रख-रखाव लोक निर्माण विभाग के अलावा अन्य किसी सिविल विभाग को सौंपा गया हो तो संबंधित विभागाध्यक्ष उसके बकाया किराए की वसूली के लिए उत्तरदाई होगा।

नियम 34: किराए का निर्धारण एवं वसूली:

  • भवन किराए के निर्धारण व वसूली की प्रक्रिया के नियम वही होंगे जो pwd(लोक निर्माण विभाग) के सीधे नियंत्रण वाले आवासों पर लागू होते हैं।

नियम 35: जुर्माने:

  • जुर्माना लगाने एवं वसूल करने वाला अधिकारी जुर्माने की राशि की वसूली एवं उसकी विधिवत रुप से जांच करने के बाद कोषागार में उसको जमा कराया जाना सुनिश्चित करेगा
  • जुर्माने को रिफंड करने वाला प्राधिकारी उचित जांच के बाद ही रिफंड किया जाना तथा वसूल किए गए जुर्माने की राशि का दोहरा रिफंड नहीं हो जाए यह सुनिश्चित करेगा।

नियम 36: जुर्माने का विवरण: 

  • जुर्माना वसूल करने व प्राप्तियों एवं रिफंड की जांच करने की जिम्मेदारी विभागीय अधिकारियों की है। प्रत्येक  न्यायालय उसके द्वारा किए गए जुर्माने, उसकी वसूली, उसके शेष भाग और उसमें से किए गए रिफंड का विवरण प्रत्येक माह के अंतिम कार्य दिवस को निर्धारित प्रपत्र में जिला न्यायाधीश को भेजेगा।

नियम 37: विविध मांग:

  • महालेखाकार विविध मांगों पर निगरानी रखेगा जैसे अन्य राज्यों से प्राप्त भुगतान आदि की वसूली, राजस्व के दावों को त्यागना, राजस्व की माफी।

   III.राजस्व की माफी, राजस्व के दावों का परित्याग

नियम 38: राजस्व का क्लेम: सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति के बिना राजस्व का दावा माफ या छोड़ा नहीं जा सकता है।

नियम 39: माफी का विवरण: विभागाध्यक्ष किसी भी जुर्माने की माफ़ी संबंधी सूचना हर वर्ष 1 जून को G.A. 16 प्रपत्र में भरकर महालेखाकार को भेजेगा।  विवरण में 500/- से कम की छुट या माफ़ी को सम्मिलित नहीं करेंगे।

नोट : शिक्षा विभाग ऐसे विवरण महालेखाकार के स्थान पर वित्त विभाग को भेजेगा।

नियम 40: विभाग अपने अधिकारियों के मार्गदर्शन के लिए राजस्व की माफ़ी एवं उसके परित्याग की परिभाषा देते हुए नियम बनाएगा।

नियम 41: आंतरिक जांच/लेखा परीक्षा: विभाग अपने आंतरिक जांच दलों द्वारा अधीनस्थ कार्यालयों में प्राप्तियों की आंतरिक जांच/लेखा परीक्षा करने की व्यवस्था करेगा। 

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